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  • मेरी मुक्त छंद रचना अंतः उजास पर विशेष टिप्पणी
    निष्पक्ष राष्ट्रीय समाचार पत्र शिखर की गूंँज अंक 39, *(12 अप्रैल से 18 अप्रैल 2024)*  प्राप्त हुआ। सभी समाचार चुनाव विशेषांक होने के कारण और भी अधिक उत्कृष्ट और आकर्षित…More
  • 101. रचना सम्पन्न🌹🌹
    एक ऐतिहासिक नगर जौनपुर की धरती ने,सदानीरा गोमती के उत्तरी जनान्तर में,विक्रमी उन्नीस सौ अट्ठासी श्रावण कृष्ण दसवीं को,नन्हा-सा कोई-एक अंकुर उगाया ।‘बाबू’ सुन्दरी प्रसाद जी ने बोया था,‘अम्मा’ राजेश्वरी…More
  • 100. हनुमान दशक
    पवनदूत, अंजनापूत, अभिराम।रामगुलाम समर्पण अतुल अनाम।। अरुणप्रभा तन बालारुण साकार। अष्ट सिद्धि, नव निधि के शुभ आगार।। तप के ब्रह्मचर्य जप के दिनमान।पूजा के निर्मल-निश्छल प्रतिमान।। अतुलित तेज सँवारो कपिवर…More
  • 99. नायक राम
    लम्बोदर गणेश सुख के आगार। षड्मुख कार्त्तिकेय बल के आधार।। हठ कर बैठे, छिड़ा विकट संवाद। मिले यज्ञ में पहले किसे प्रसाद।। किसकी महिमा अधिक,बड़ा है कौन।जटिल प्रश्न सुन, अम्बा…More
  • 98. इतिहास-विधाता
    तुम किसको हेर रहे, मैं आता हूंँ। इतिहास नहीं इतिहास-विधाता हूंँ।। इतिहास भरी माटी को ढोता है, धूमिल अतीत पृष्ठों पर सोता है, मुझको अतीत मत कहो, यहाँ हूँ मैं…More
  • दोहे
    *खुशियों को बोती सदा, बिटिया अपने गेह।**महक लिए जो फूल सी,नित बरसाती नेह।।1।‌।* *मन वसंत तन जोगिया,पहन पीत परिधान।**रूपसि बैठी द्वार पर,चढ़े प्रेम परवान।।2।।* *सद्भावों को साथ ले,उड़ती गई पतंग।**आसमान…More
  • 97. बुझे नहीं आस्था की बाती
    मेरे राम! तुम्हारी कहाँ अयोध्या, किस सरयू के तीरे।कहांँ तुम्हारी जन्मभूमि, मणिमय मन्दिर हम कहांँ बनाएंँ,शिला रखें किस पृथ्वी पर, किस नभ के नीचे मंडप छाएँ,हे कौशल्या-नन्दन, कौन गढेगा मंगल…More
  • 96. नर हैं या नारायण
    जो दशरथ-अजिर बिहारी हैं, वे नर हैं या नारायण हैं! जिनके मनमोहक दिव्य रूप पर,मांँ कौशल्या बलिहारी,श्रद्धा से जिनको देखा-विष्णुरूप में चार भुजाधारी,इतिहास-पुरुष अवतारी हैं ,वे नर हैं या नारायण…More
  • 96. नर हैं या नारायण
    जो दशरथ-अजिर बिहारी हैं, वे नर हैं या नारायण हैं! जिनके मनमोहन दिव्य रूप पर,मांँ कौशल्या बलिहारी,श्रद्धा से जिनको देखा-विष्णुरूप में चार भुजाधारी, इतिहास-पुरुष अवतारी हैं ,वे नर हैं या…More
  • 95.इतना गहरा सरयू का जल
    राघव की आंँखें तरल-सजल ।इतना गहरा सरयू का जल।। चढ़ आया महाकाल के रथ पर कालपुरुष,बोला, त्रेता का अन्त हुआ, त्यागो माया,छायातन को नीलाभ निलय हो जाने दो छोड़ो नरलीला…More
  • 94. जय हनुमान
    अंग-अंग संचित हैं नव्य बादलों के बल रोम-रोम में दीपित बिज्जु-शिखा ज्ञान की।सांँचे पयहारी, ब्रह्मचारी, साधु वेशधारी सत्य के पुजारी, भरी झोली जप-दान की।।सीता मैया की खोज, बूटी लखन भइया…More
  • 93. *खो गया हीरा*
    अचानक क्या से क्या हो गया, मुकुट का हीरा ही खो गया। दिवाकर-कुल की उज्ज्वल कीर्ति, पुकारेगी मुझको किस नाम,लिखा कर्मों ने ओछा लेख,कहेगा कौन हमें अब राम,अहं से खण्डित…More
  • 92. भूमि मैं तुझमें समाऊँ
    भूमि ! मैं तुझमें समाऊँ।जननि! तेरी गोद में भवयातना से मुक्ति पाऊंँ। नित्य लीलामय रही मैं ,हो गए सब काम पूरे,मुझे छूकर जला रावण, ढहे लंका के कंँगूरे,वीर लवकुश सरीखे…More
  • 91. *प्राण उकताए*
    अश्रु भर लाए नयन फिर प्रेमघन छाए। परस मुनि वाल्मीकि के पद, विनत -जोड़े हाथ,व्यथित स्वर, कम्पित अधर, बोले अयोध्यानाथ,पालकी सजिए, जनक-तनया विदा करिए,दीजिए आशीष-कुंकुम, लौट घर जाए।अश्रु भर लाए…More
  • *90. *लव-कुश*💏
    अंश रघुवंश का प्रवाहित था शिराओं में,सीता के सुत लव-कुश बाँके बलवीर हुए। ‌चुटकी में दाब लिया अश्वमेध का घोड़ा शक्ति और साहस के अद्भुत तूणीर हुए।।छिन्न-भिन्न करने को अयोध्या…More
  • 89. *धोबी ने खोट निकाली*
    धोबी ने खोट निकाली,राजा राम धुल गए छिओ राम! दुर्मुख-मुख की चर्चा फैली,सीता की तन-चादर मैली, सरयू की लहरों में,कुत्सा के रंग घुल गए छियो राम! रावण का चित्र बनाए…More
  • 88. शुभ घड़ी मुबारक हो
    राम-रघुराज को ये शुभ घड़ी मुबारक हो,आज तो राजतिलक हो रहा अयोध्या में ,सलोने साज की ये शुभ घड़ी मुबारक हो।। खुशी के घन घिरे हर ओर, बधइया बाजे,पंख फैला…More

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